अपने चारों तरफ हर जगह दुःख, गरीबी, और बुराइयां देखकर एक दिन एक आदमी अपना आपा खो बैठा और आसमान की ओर देखते हुए धरती पीट-पीटकर उसने भगवान से कहा :-
“देखो तुमने कैसी दुनिया बनाई है! यहाँ दुःख और दर्द के सिवा कुछ नहीं है! हर तरफ खूनखराबा और नफरत है! हे ईश्वर! ऐ मेरे भगवान तुम कुछ करते क्यों नहीं!?”
भगवान ने उसकी दर्दभरी पुकार सुनी ली, और कहा :-
“मैंने किया है. मैंने तुम्हें वहां भेजा है”.
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कुछ करिए. जिम्मेदारी उठाइये. आपका अनिश्चय और अनिर्णय आपको कहीं नहीं ले जाएगा.
(And the God said – an inspirational story in Hindi)
इस शानदार और प्रेरक रचना के लिए आभार।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
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BAHUT HI SUNDAR
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मैंने तुम्हें वहां भेजा है। वाह । इस बिंदु को बहुत से युवा समझ नहीं पाते। कई बार मैं भी झल्ला उठता हूं। बाद में सोचता हूं तो यही पाता हूं।
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सुंदर. बहुत सुंदर.
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Hum to karne ke liye tyar hai lelkin humari madad ke liye kada ho ek se to is zhuti bhari duniya mai khuch nahi hone wala .
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app likhte kiske liye hai?
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अंचल जी, मैं लिखता नहीं हूँ. केवल संकलित/संपादित एवं अनूदित करता हूँ. इस ब्लॉग में छपी समस्त सामग्री यत्र-तत्र से ली गई है. इसे पोस्ट करने के पीछे भी कोई महत उद्देश्य नहीं है. यह केवल इस माध्यम और विषय के प्रति मेरी रुचि का परिचायक है. इससे मुझे कुछ विशेष की प्राप्ति नहीं होती, केवल अपने समय के कुछ सदुपयोग से संतोष मिलता है.
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Jivan ka ek kathor satya hai ki humhe Ishwar ne in sab buraiyo ko rokne ke liye hi banaya parantu manushya hi in muskil halat ko pida kerta hai or ulajhne ke baad usi Ishwar se prarthna kerta hai ki hey Ishwar..
“देखो तुमने कैसी दुनिया बनाई है! यहाँ दुःख और दर्द के सिवा कुछ नहीं है! हर तरफ खूनखराबा और नफरत है! हे ईश्वर! ऐ मेरे भगवान तुम कुछ करते क्यों नहीं!?”
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