और भगवान ने कहा…

man watching sunset


अपने चारों तरफ हर जगह दुःख, गरीबी, और बुराइयां देखकर एक दिन एक आदमी अपना आपा खो बैठा और आसमान की ओर देखते हुए धरती पीट-पीटकर उसने भगवान से कहा :-

“देखो तुमने कैसी दुनिया बनाई है! यहाँ दुःख और दर्द के सिवा कुछ नहीं है! हर तरफ खूनखराबा और नफरत है! हे ईश्वर! ऐ मेरे भगवान तुम कुछ करते क्यों नहीं!?”

भगवान ने उसकी दर्दभरी पुकार सुनी ली, और कहा :-

“मैंने किया है. मैंने तुम्हें वहां भेजा है”.

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कुछ करिए. जिम्मेदारी उठाइये. आपका अनिश्चय और अनिर्णय आपको कहीं नहीं ले जाएगा.

(And the God said – an inspirational story in Hindi)

There are 8 comments

  1. सिद्धार्थ जोशी

    मैंने तुम्‍हें वहां भेजा है। वाह । इस बिंदु को बहुत से युवा समझ नहीं पाते। कई बार मैं भी झल्‍ला उठता हूं। बाद में सोचता हूं तो यही पाता हूं।

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    1. Nishant

      अंचल जी, मैं लिखता नहीं हूँ. केवल संकलित/संपादित एवं अनूदित करता हूँ. इस ब्लॉग में छपी समस्त सामग्री यत्र-तत्र से ली गई है. इसे पोस्ट करने के पीछे भी कोई महत उद्देश्य नहीं है. यह केवल इस माध्यम और विषय के प्रति मेरी रुचि का परिचायक है. इससे मुझे कुछ विशेष की प्राप्ति नहीं होती, केवल अपने समय के कुछ सदुपयोग से संतोष मिलता है.

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  2. Abhay

    Jivan ka ek kathor satya hai ki humhe Ishwar ne in sab buraiyo ko rokne ke liye hi banaya parantu manushya hi in muskil halat ko pida kerta hai or ulajhne ke baad usi Ishwar se prarthna kerta hai ki hey Ishwar..
    “देखो तुमने कैसी दुनिया बनाई है! यहाँ दुःख और दर्द के सिवा कुछ नहीं है! हर तरफ खूनखराबा और नफरत है! हे ईश्वर! ऐ मेरे भगवान तुम कुछ करते क्यों नहीं!?”
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