मुल्ला नसरुद्दीन की दो बीवियाँ थीं जो अक्सर उससे पूछा करती थीं कि वह उन दोनों में से किसे ज्यादा चाहता है.
मुल्ला हमेशा कहता – “मैं तुम दोनों को एक समान चाहता हूँ” – लेकिन वे इसपर यकीन नहीं करतीं और बराबर उससे पूछती रहतीं – “हम दोनों में से तुम किसे ज्यादा चाहते हो?”
इस सबसे मुल्ला हलाकान हो गया. एक दिन उसने अपनी प्रत्येक बीवी को एकांत में एक-एक नीला मोती दे दिया और उनसे कहा कि वे इस मोती के बारे में दूसरी बीवी को हरगिज़ न बताएं.
और इसके बाद जब कभी उसकी बीवियां मुल्ला से पूछतीं – “हम दोनों में से तुम किसे ज्यादा चाहते हो?” – मुल्ला उनसे कहता – “मैं उसे ज्यादा चाहता हूँ जिसके पास नीला मोती है”.
दोनों बीवियां इस उत्तर को सुनकर मन-ही-मन खुश हो जातीं.
मुल्ला की दो बीवियां थीं जिनमें से एक कुछ बूढ़ी थी और दूसरी जवान थी.
“हम दोनों में से तुम किसे ज्यादा चाहते हो?” – एक दिन बूढ़ी बीवी ने मुल्ला से पूछा.
मुल्ला ने चतुराई से कहा – “मैं तुम दोनों को एक समान चाहता हूँ”.
बूढ़ी बीवी इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुई. उसने कहा – “मान लो अगर हम दोनों बीवियाँ नदी में गिर जाएँ तो तुम किसे पहले बचाओगे?”
“अरे!” – मुल्ला बोला – “तुम्हें तो तैरना आता है न?”
“मान लो अगर हम दोनों बीवियाँ नदी में गिर जाएँ तो तुम किसे पहले बचाओगे?”
नई बीबी ने भी यही सवाल किया और मुल्ला का जबाब था – तुम्हें तो गांव का हर कोई बचाने आ जायेगा!
पसंद करेंपसंद करें
वाह! ये एंगल तो बहुत मजेदार है!:)
पसंद करेंपसंद करें
सुन्दर!
पसंद करेंपसंद करें
पता नहीं नसुरुद्दीन सुखी होना क्यों नही चाहता……..:)))
पसंद करेंपसंद करें
mulla hoshiar to hai
पसंद करेंपसंद करें
The Best
पसंद करेंपसंद करें
Bahut badiya laga.
पसंद करेंपसंद करें
VERY NICE…..
पसंद करेंपसंद करें
Nice Story!
पसंद करेंपसंद करें