ईसप की कहानी : जूपिटर और बंदरिया का बच्चा

baby monkey


देवता जूपिटर ने एक दिन समस्त जानवरों को अपनी सभा में बुलाया और कहा – “तुम सब कल अपने-अपने सबसे सुंदर बच्चों के साथ सभा में आओ. जिसका बच्चा मुझे सबसे सुंदर लगेगा, उसे मैं बड़ा पुरस्कार दूंगा.

दूसरे दिन सभी जानवर अपने नन्हे-मुन्ने बच्चों के साथ सभा में आये. एक बंदरिया भी अपने नन्हे से बच्चे को अपनी छाती से चिपका कर लाई. उसका बच्चा इतना छोटा था कि उसके बाल भी नहीं निकले थे और वह बिलकुल छिले हुए उबले आलू जैसा दिख रहा था. इतने सारे लोगों के बीच पहली बार आकर बच्चा बहुत सकपका गया था और अपनी माँ को कसकर जकड़े हुए था.

वहां उपस्थित अन्य जानवरों और देवताओं ने जब बंदरिया के बच्चे को देखा तो वे सभी हंसकर लोटपोट हो गए. लेकिन बंदरिया ने अपने बच्चे को बड़े प्यार से दुलारा और जूपिटर से कहा – “आप जिसे चाहें उसे सबसे सुंदर बच्चे का पुरस्कार दे दें लेकिन मेरे लिए तो मेरा बच्चा ही सबसे सुंदर है!”

(A fable of Aesop – Jupiter and a baby of monkey – in Hindi)

There are 3 comments

  1. nirmla.kapila

    बिलकुल सही कहा सच मे एक मा के लिये उसका बच्चा ही दुनिया मे सब से सुन्दर होता है अगर ये वरदान मा को ना मिला होता तो आज कई बच्चे मा के प्यार को तरसते भगवान की सर्वोत्तम रचना है मा आभार्

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