अपने ब्लॉग पर पोस्ट करने के अलावा मैं हिन्दी और अंग्रेज़ी के बहुत सारे ब्लॉग्स भी पढ़ता हूँ। ब्लॉगिंग के विषय पर भी अब तक बहुत सारे ब्लॉग्स पर लिखा जा चुका है जिसे पढ़कर हिन्दी ब्लौगरों ने ब्लॉगिंग के सैद्धांतिक और तकनीकी पक्ष की अच्छी जानकारी लेकर अपने ब्लॉग्स को समृद्ध किया है। हिन्दी के कई ब्लॉग्स अच्छी जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। हिन्दी ब्लॉगिंग अभी अपने शैशवकाल में है। यहाँ ब्लौगर ही हैं जो दूसरे ब्लौगरों को पढ़ रहे हैं। जहाँ तक मेरी जानकारी है, हिन्दी जगत में अभी मुश्किल से 7,000 ब्लौगर हैं जिनमें से कुछ ही ऐसे हैं जिनका ब्लॉग सक्रिय है, अर्थात जो पिछले 2-3 सालों से नियमित पोस्ट करते आ रहे हैं।
यह पोस्ट इस ब्लॉग की विषय-वस्तु से मेल नहीं खाती। इसे यहाँ प्रस्तुत करने का उद्देश्य यह है कि इसे अच्छे पाठक मिलें और आपकी जानकारी में थोड़ा सा इजाफा हो। इस ब्लॉग की अन्य पोस्टों कि भांति इसे भी मैंने कई स्त्रोतों से लेकर हिन्दी में अनूदित किया है।
जब मैंने 2006 में ब्लॉगिंग शुरू की तब मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं जानता था। उन दिनों हिंदी में लिखने के लिए बहुत जुगाड़ें लगानी पड़ती थीं। भरपूर जोश में आकर मैंने अंग्रेजी और हिंदी में कई सारे ब्लॉग्स बना लिए। जल्दी ही मुझे यह बात समझ में आ गई कि वास्तव में मेरे पास ब्लॉगिंग करने के लिए कोई मौलिक विषय-वस्तु नहीं थी। अपने बनाये बहुत सारे ब्लॉग्स को मैंने या तो डिलीट कर दिया या वे निष्क्रिय हो गए। एक दिन मुझे यह विचार आया कि क्यों न प्रेरक कथाओं और लेखों का अनुवाद करके ब्लॉग बनाया जाए। इस प्रकार वर्तमान ब्लॉग 2007 में पहले ब्लॉगर पर अस्तित्व में आया। इसकी पाठक संख्या इसकी विषय-वस्तु के कारण सीमित है, लेकिन यह कोई समस्या नहीं है। ब्लॉग के पाठक और फौलोवर धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। कछुआ बनकर रेस जीतना ज्यादा बेहतर है।
आपने भी अपने ब्लॉग की गुणवत्ता को बढ़ने और इसे प्रतिष्ठित करने के लिए कुछ प्रयास तो किए होंगे। आपने नियमित पोस्ट करने, ब्लॉग पर ट्रेफिक बढ़ाने, सब्स्क्राइबर/फौलोवर पाने, ज्यादा लिंकित होने, कमेन्ट पाने और नामित किए जाने के बारे में पढ़ा होगा। यहाँ मैं आपको वे सभी बातें कुछ सूत्रों के रूप में आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ। मैंने स्वयं उनपर अमल करके देखा है और उन्हें उपयोगी पाया है। ये सारे बिन्दु सफल ब्लॉगिंग करने के सूत्र हैं जिन्हें कई स्थानों से संकलित किया गया है। आप इन सूत्रों में कुछ जोड़ सकें तो कमेन्ट के माध्यम से अवश्य सूचित करें। ये कुछ ऐसी टिप्स और हुनर हैं जिनपर ध्यान देने से आपकी ब्लॉगिंग अवश्य निखरेगी। ऐसे 7-8 क्षेत्र चुने हैं जिनपर चर्चा कि जा सकती है:-
ब्लॉग को कैसे बढ़ावा दें
१ – अपनी पोस्टों को प्रमोट करने में कोई कसर न छोडें। धीरे-धीरे वे लोगों कि नज़रों में आने लगेंगी और एक समय ऐसा भी जब वे अपने आप पाठक ढूंढ लेंगी। इस तरह आपके ब्लॉग पर ट्रेफिक बढेगा। (पोस्टों का मौलिक और उत्तम होना अनिवार्य है)
२ – ब्लॉगिंग के लिए ऐसा विषय चुनें जिसपर आप अच्छी जानकारी रखते हों। पोस्टें प्रभावित करनेवाली होनी चाहिए। ऐसा लिखें कि दूसरे लोग आपकी पोस्टों की चर्चा करें। इससे ज्यादा प्रसिद्धि आप किसी अन्य तरह से नहीं पा सकते।
३ – आपके ब्लॉग को फौलो करने वाले या सबस्क्राइब करनेवालों की संख्या आपके ब्लॉग की प्रसिद्धि दर्शाती है। यह ऐसी चीज़ है जिसपर सबका ध्यान जाता है। ज़रूरी नहीं है कि कोई आपका ब्लॉग फौलो कर रहा हो तो आप भी आभार प्रर्दशित करने के लिए उसका ब्लॉग फौलो करें। बिना किसी उचित या ठोस कारण के कोई भी ब्लॉग फौलो/सबस्क्राइब न करें। दूसरों से अपने ब्लॉग को फौलो/सबस्क्राइब करने का आग्रह करना अच्छी बात नहीं है। यदि आप अच्छा लिखेंगे तो धीरे-धीरे लोग आपको पहचानने लगेंगे।
अच्छी पोस्टें कैसे लिखें
१ – आप टैलेंटेड हो सकते हैं लेकिन अच्छी पोस्ट लिखने के लिए स्वयं को कुछ समय दें। जल्दबाजी में लिखी गई पोस्ट औसत दर्जे की हो सकती है।
२ – यदि आपके पास पोस्ट लिखने के लिए कोई अच्छा विचार या विषय है तो शीघ्र ही उसपर पोस्ट लिख लें। अच्छे विचार को भविष्य के लिए बचा कर रखना अच्छा विचार नहीं हैं।
३ – अपनी पोस्टों की फौर्मेटिंग पर ध्यान दें। ज़रूरी/उपयोगी बिन्दुओं को हाईलाईट करें।
४ – पोस्टों के लिए सबसे अच्छा व् सारगर्भित शीर्षक चुनें। एग्रीगेटरों पर घूमनेवालों को यदि आपकी पोस्ट का शीर्षक आकर्षित नहीं करेगा तो पाठक संख्या गिर जायेगी।
५ – पोस्ट को हर दृष्टि से समृद्ध करें। विषय से भटकें नहीं। पाठक पर जोरदार असर पड़ना चाहिए। आपकी पोस्ट इतनी असरदार होनी चाहिए की ब्लॉग पर बार-बार आनेवालों की संख्या में वृद्धि हो। शुरू में इस ब्लॉग पर इक्का-दुक्का लोग ही आते थे। अभी भी आनेवालों की संख्या प्रतिदिन 500 से ज्यादा नहीं है लेकिन यह हर दिन बढ़ रही है। ज्ञानदत्त जी का ब्लौग मानसिक हलचल, रवीश कुमार का क़स्बा, अजय ब्रम्हात्मज का चवन्नी-चैप, यूनुस का रेडियोवाणी मेरे पसंदीदा ब्लॉग्स हैं जिनपर मैं नियमित जाता हूँ। ये सभी ब्लॉग्स रोज़ अपडेट नहीं होते पर इनकी पाठक संख्या बहुत है। इनकी पोस्टों की गुणवत्ता के कारण ही इन्हें इतना अधिक पढ़ा जाता है। ये सभी ब्लौगर अपने-अपने क्षेत्र के ‘धुरंधर लिक्खाड़’ हैं। जिस भी विषय पर वे लिखते हैं उसपे उनकी गहरी पकड़ है। यदि ब्लॉगिंग के जगह कोई और माध्यम अस्तित्व में आया होता तो वे उसमें भी प्रतिष्ठित होते। ये सभी जो कुछ भी लिखते हैं वह पढने और टिपण्णी करने लायक होता है। आपकी पोस्ट भी ऐसी ही होनी चाहिए।
६ – आवश्यकता पड़ने पर अपनी पोस्टों में फोटो आदि लगायें। इसके लिए कौपिराईटेड सामग्री का उपयोग करने से बचें।
७ – पोस्ट की शुरुआत में कुछ वाक्यों में पाठकों को यथासंभव पोस्ट की विषय-वस्तु के बारे में बता दें। इसे ज्यादा खींचना उपयुक्त नहीं होगा।
८ – अपनी पोस्टों में क्रॉस-रेफरेंस देने के लिए हाइपरलिंक का अधिकाधिक उपयोग करें।
९ – अपने ब्लॉग का खाका दिमाग में बनाकर रखें। ब्लॉग की सबसे अच्छी/पौपुलर पोस्टों को मानक/आदर्श मानकर तरह पोस्टें लिखें।
१०- बात-बात पर लोगों से वोट या कमेन्ट न मांगें।
ज्यादा कमेन्ट कैसे पायें
१ – आप अच्छा लिखेंगे तो पोस्ट अधिक पढ़ी जाएगी। जिस पोस्ट को कोई पढ़ेगा ही नहीं उसे कमेन्ट क्यों मिलेंगे?
२ – दूसरों की अच्छी पोस्टों पर बेहतर कमेन्ट करें।
३ – पाठकों के कमेंट्स का जवाब दें। (मैं समयाभाव के कारण यह करने से रह जाता हूँ)
ब्लॉग की साज-सज्जा और डिजाइन पर ध्यान दें
१ – ब्लॉग के लिए सीधा-सादा लेकिन आकर्षक टेम्पलेट चुनें। ब्लागस्पाट के ब्लौगरों के पास ज्यादा विकल्प नहीं हैं। इस मामले में वर्डप्रेस बाजी मार ले जाता है। बहुत ज्यादा भड़कीला टेम्पलेट यदि ब्लॉग की सामग्री से मेल नहीं खाता तो आँखों में खटकता है। बड़ी-बड़ी तस्वीरों का उपयोग न करें। वे ब्लॉग की सामग्री को गौण कर देती हैं।
२ – जमाना तेज रफ्तार का है। लोग देखते ही समझ जाते हैं कि यहाँ ठहरें या नहीं।
३ – जिस चीज़ को आप सबको दिखाना/बताना चाहते हैं उसे पोस्ट या साइडबार में नीचे न रखें।
४ – बहुत सारे भारतीय ब्लौगर अभी भी 15-17 इंच मॉनिटर पर काम करते हैं। चार कॉलम वाले टेम्पलेट का प्रयोग न करें। पेज पर पोस्टों में टेक्स्ट का आकार मीडियम ही रखें।
५ – अपने प्रोफाइल पर ध्यान दें। अपना चित्र लगायें। अपनी रूचियों का वर्णन करें। अपने बारे में बताते समय भावनाओं में न बहें।
६ – अपने ब्लॉग्स पर फालतू के विजेट न लगायें। ब्लॉग पर घड़ी लगाने की क्या ज़रूरत है? सिर्फ़ 2-3 प्रमुख एग्रीगेटरों के कोड लगायें। जो विजेट केवल आपके ट्रेफिक की जानकारी देते हों उन्हें साइडबार में सबसे नीचे लगायें। इससे सामग्री पर ज्यादा ध्यान जाता है।
अपनी और दूसरों की रुचि जगाये रखें
१ – जो आपको अच्छा लगता है उसपर लिखने में संकोच न करें भले ही वह आपके ब्लॉग की परम्परा से हटकर हो। ब्लॉगिंग पर लिखना मेरे इस ब्लॉग का विषय नहीं है लेकिन मैं इसे यहाँ लिख रहा हूँ क्योंकि यह सबके काम की बात है।
२ – ब्लॉगिंग को पैसा कमाने का माध्यम बनाने के बारे में न सोचें। ऐसा हो तो अच्छी बात है लेकिन इसके लिए ब्लॉग को बेहतर तो बनाना ही पड़ेगा। हिन्दी ब्लॉगिंग में वैसे भी कोई पैसा नहीं है, इसीलिए इसे अपनी रुचि का माध्यम बनायें।
३ – आपके पाठक 10 हों या 10 हज़ार, उनसे जुड़ने में ही आपका हित है।
४ – ब्लॉगिंग ज़िन्दगी का पर्याय नहीं है। एक हफ्ता पोस्ट नहीं करेंगे तो आपकी दुनिया नहीं बदल जायेगी। दूसरी चीज़ों की ओर भी ध्यान दें। पोस्टों की बड़ी संख्या आपको चिट्ठाजगत में सक्रिय तो दिखाएगी लेकिन इससे आप सम्मानित व् प्रतिष्ठित ब्लौगर का दर्जा नहीं पा सकेंगे।
ज्यादा फौलोवर/सब्स्क्राइबर कैसे पायें
१ – पोस्ट की गुणवत्ता पर ध्यान दें, भले ही सप्ताह में एक बार पोस्ट करें।
२ – जो लोग आपको पसंद करते हैं वो आपके ब्लॉग पर आते रहेंगे। आपकी पोस्टों में दम होगा तो आपसे हमेशा ही ज्यादा लिखने की मांग की जायेगी और आपके फौलोवर/सब्स्क्राइबर की संख्या बढ़ेगी।
३ – आपके ब्लॉग की उपयोगिता भविष्य में भी होनी चाहिए केवल इसी महीने नहीं।
४ – फौलोवर/सब्स्क्राइबर की संख्या बढ़ाने के लिए बड़े-बड़े बटन लगाने की युक्तियाँ बचकानी हैं। यह बात बार-बार बताई जा रही है कि आपकी पोस्ट की गुणवत्ता ही लोगों को आपके ब्लॉग की ओर खींचती है।
अच्छी पोस्टों के लिए खोज–विचार
१ – कोई भी नया विचार आने पर उसे लिख लें। यह न समझें कि समय पड़ने पर वह आपको याद आ ही जाएगा।
२ – यह समझना और जानना बहुत ज़रूरी है कि आपके पाठक क्या पढ़ना पसंद करते हैं।
३ – किसी भी क्षेत्र में पारंगत होने में समय लगता है। जल्द ही ऊब जायेंगे तो वापस ब्लॉग की ओर लौटने में समय लग जाएगा। अन्य दूसरे माध्यमों की भांति ब्लॉग लेखन भी कुछ समय और धैर्य मांगता है। दूसरों की सफलता से प्रेरणा लें और अच्छा पढने-लिखने में लगे रहें।
Photo by Andrew Neel on Unsplash
बहुत बढ़िया समराइज किये हैं अच्छी ब्लॉगिंग के नियम और यकीनन, कमोबेश यही ध्यान देने योग्य हैं। धन्यवाद।
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अच्छे सूत्र. अलबत्ता दूसरी भाषा (लिपि कहें तो ज्यादा उचित होगा) में कोई नहीं पढ़ता ये कहना गलत है. मेरे चिट्ठे के सांख्यिकी का एक स्क्रीनशॉट देखें. अंग्रेजी (रोमन) में खोज कर पढ़ने वाले (धन्यवाद चिट्ठाजगत् गिरगिट) बहुत हैं और कहीं कहीं तो गुजराती, उड़िया और तेलुगु में भी :)स्र्कीनशॉट फ्लिकर पर यहाँ देखें -http://farm4.static.flickr.com/3613/3394724132_9c6af49500_o_d.jpg
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Thank you, Ravi Ji! I am also trying to place the ‘Read in your Script’ badge and see what happens.
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Wah …Pehli baar loi post jo itna lamba ho poora padha,Apka lekh bahut sahayak hoga……mujhe pooran vishwash hai…
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इनमें से कई बातें मैं अन्य ब्लॉग्स पर भी पढ़ चुका हूं। कंटेट विल बी द किंग भी कहीं पढ़ चुका हूं। कहां अभी याद नहीं। आपकी बताई कई बातें प्रभावित करने वाली है लेकिन एक बात आत्मव्याघाती लगी। आपने बताया कि अभी अधिकांश ब्लॉग लेखकों को ब्लॉग लेखक ही पढ़ रहे हैं। ठीक है, नए पाठक कहां मिलेंगे। इसका जवाब निकालने का प्रयत्न कीजिएगा। इसी का उल्टा कि कमेंट पाने के लिए कमेंट कीजिए। यह तो वही हुआ ना कि ब्लॉग लेखक को ब्लॉग लेखक ही पढ़ेंगे। आपकी ये दोनों बातें आत्मव्याघाती हैं। खैर आज नहीं तो कल मेरी ‘कालजयी’ ( 🙂 ) रचनाओं को कोई न कोई तो पढ़ेगा ही। बस भगवान इंटरनेट को नष्ट न होने दे। 🙂 आप अच्छा काम कर रहे हैं। इस बारे में अंग्रेजी ब्लॉग्स में कुछ मिले तो फिर बताइएगा।
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प्रिय सिद्धार्थ, मैंने कमेन्ट पाने के लिए कमेन्ट करने के लिए नहीं कहा है. मैंने कहा है कि दूसरों की पोस्टों पर बेहतर कमेंट्स करें. सिर्फ कमेंट्स पाने के लिए कमेंट्स करना उचित नहीं है. मुझे लगता है कि अभी लम्बे अरसे तक ब्लौगर ही ब्लौगरों को पढ़ते रहेंगे. इन्टरनेट का प्रयोग करनेवालों के लिए अपना स्वयं का ब्लौग बनाने का लोभ संवरण कर पाना आसान नहीं है. मैं ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं जानता हूँ जो केवल ब्लॉग्स का पाठकमात्र हो, सभी ब्लौगर हैं.
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एक अच्छे ब्लाग की गुणवत्ता को बिन्दुवत प्रदर्शित कर दिया निशांत भाई । आपकी इस पोस्ट से यही बात पता चलती है कि आपने बारीकी ौर गहनता से इस विषय पर शोध किया है ।
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बहुत बढिया आलेख लिखा है … जरूरी जानकारी दी है आपने।
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ब्लॉग की अवधारणा और दर्शन ही यही है की ‘हर इंसान की अपनी एक वेबसाईट’ हो, जहाँ उसे अपनी बात कहने की एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हो. इस लिहाज़ से जो भी इंटरनेट पर भ्रमण कर रहा है वह या तो ब्लॉगर या भावी ब्लॉगर है.
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बहुत तफसील से आपने ब्लागलेखन के गुर बताये ,टिप्स दिए ! अब यह भी अनूदित है या आपका बिलकुल मौलिक लेखन ,है सचमुच बहुत ही उपयोगी और संग्रहणीय ! शुक्रिया !
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ब्लॉगिंग के स्वर्णिम सूत्र- बहुत अच्छी लगी. मैं एक नया ब्लागर हूँ. इन बातों पर अमल करने की कोशिश करुंगा. आभार.
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आपकी इस पोस्ट से बहुत काम की बातें जानने का मौका मिला
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nice
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अच्छी जानकारी है.
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श्रीमान्,
ब्लोग में पिक्चर – इमेज कैसे जोडें । फोटो या अन्य एचटीएमएल या जावा स्क्रीप्ट का उपयोग करने के बारेमें कृपया जानकारी दें । मेरा ब्लोग http://gudhharth.blogspot.com/ के बारेमें आपके अमूल्य सुझाव प्रार्थनीय हैं ।
ईमेल – panditpp@gmail.com ppp.siddhpur@gmail.com
भवदीय
परन्तप पी. पंडित
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