लियो बबौटा ग्वाम में रहते हैं और एक बहुत उपयोगी ब्लॉग ज़ेन हैबिट्स के ब्लौगर हैं। यह उनकी एक अच्छी और उपयोगी पोस्ट का अनुवाद है:
अनुवादक : मेरे एक मित्र ने मुझसे कहा कि लियो की बताई हुई बातों में कुछ नया नहीं है और हमारे यहाँ के कई लोग जैसे शिव खेडा आदि ने भी ऐसी ही प्रेरक और ज्ञानवर्धक बातें लिखी-कही है। मैं अपने मित्र से 100% सहमत हूँ लेकिन लियो जो कुछ भी कहते या लिखते हैं वह उनके अपने अनुभव पर जांचा-परखा है. आर्थिक और पारिवारिक मोर्चे पर चोट खाया हुआ व्यक्ति जो कुछ कहता है उसमें उसका अपना गहरा अनुभव होता है. वैसे भी हम भारतवासी यह मानते हैं कि ज्ञान जहाँ से भी और जिससे भी मिले ले लेना चाहिए. इसलिए लियो की बातें अर्थ रखती हैं.
मैं लगभग 35 साल का हो गया हूँ और उतनी गलतियाँ कर चुका हूँ जितनी मुझे अब तक कर लेनी चाहिए थीं। पछतावे में मेरा यकीन नहीं है… और अपनी हर गलती से मैंने बड़ी सीख ली है… और मेरी ज़िंदगी बहुत बेहतर है।
लेकिन मुझे यह लगता है कि ऐसी बहुत सारी बातें हैं जो मैं यदि उस समय जानता जब मैं युवावस्था में कदम रख रहा था तो मेरी ज़िंदगी कुछ और होती।
वाकई? मैं यकीन से कुछ नहीं कह सकता। मैं क़र्ज़ के पहाड़ के नीचे नहीं दबा होता लेकिन इसके बिना मुझे इससे बाहर निकलने के रास्ते की जानकारी भी न हुई होती। मैंने बेहतर कैरियर अपनाया होता लेकिन मुझे वह अनुभव नहीं मिला होता जिसने मुझे ब्लौगर और लेखक बनाया।
मैंने शादी नहीं की होती, ताकि मेरा तलाक भी न होता… लेकिन यह न होता तो मुझे पहली शादी से हुए दो प्यारे-प्यारे बच्चे भी नहीं मिले होते।
मुझे नहीं लगता कि मैं अपने साथ हुई ये सारी चीज़ें बदल सकता था। पीछे मुड़कर देखता हूँ तो पाता हूँ कि मैंने ऐसे सबक सीखे हैं जो मैं ख़ुद को तब बताना चाहता जब मैं 18 साल का था। क्या अब वो सबक दुहराकर मैं थोड़ा सा पछता लूँ? नहीं। मैं उन्हें यहाँ इसलिए बाँट रहा हूँ ताकि हाल ही में अपना होश संभालनेवाले युवा लड़के और लड़कियां मेरी गलतियों से कुछ सबक ले सकें।
ये मेरी गलतियों की कोई परिपूर्ण सूची नहीं है लेकिन मैं यह उम्मीद करता हूँ कि कुछ लोगों को इससे ज़रूर थोड़ी मदद मिलेगी।
1. खर्च करने पर नियंत्रण – यूँ ही पैसा उड़ा देने की आदत ने मुझे बड़े आर्थिक संकट में डाला। मैं ऐसे कपड़े खरीदता था जिनकी मुझे ज़रूरत नहीं थी। ऐसे गैजेट खरीद लेता था जिन्हें सिर्फ़ अपने पास रखना चाहता था। ऑनलाइन खरीददारी करता था क्योंकि ये बहुत आसान है। अपनी बड़ी स्पोर्ट्स यूटिलिटी वेहिकल मैंने सिर्फ़ औरतों को आकर्षित और प्रभावित करने के चक्कर में खरीद ली। मुझे अब ऐसे किसी भी चीज़ पर गर्व नहीं होता। मैंने आदतन पैसा खर्च करने के स्वभाव पर काबू पा लिया है। अब कुछ भी खरीदने से पहले मैं थोड़ा समय लगाता हूँ। मैं यह देखता हूँ कि क्या मेरे पास उसे खरीदने के लिए पैसे हैं, या मुझे उसकी वाकई ज़रूरत है या नहीं। 15 साल पहले मुझे इसका बहुत लाभ मिला होता।
2. सक्रिय–गतिमान जीवन – जब मैं हाईस्कूल में था तब भागदौड़ और बास्केटबाल में भाग लेता था। कॉलेज पहुँचने के बाद मेरा खेलकूद धीरे-धीरे कम होने लगा। यूँ तो मैं चलते-फिरते बास्केटबाल हाईस्कूल के बाद भी खेलता रहा पर वह भी एक दिन बंद हो गया और ज़िंदगी से सारी गतिशीलता चली गयी। बच्चों के साथ बहार खेलने में ही मेरी साँस फूलने लगी। मैं मोटा होने लगा। अब मैंने बहुत दौड़भाग शुरू कर दी है पर बैठे-बैठे सालों में जमा की हुई चर्बी को हटाने में थोड़ा वक़्त लगेगा।
3. आर्थिक नियोजन करना – मैं हमेशा से यह जानता था कि हमें अपने बजट और खर्चों पर नियंत्रण रखना चाहिए। इसके बावजूद मैंने इस मामले में हमेशा आलस किया। मुझे यह ठीक से पता भी नहीं था कि इसे कैसे करते हैं। अब मैंने इसे सीख लिया है और इसपर कायम रहता हूँ। हां, कभी-कभी मैं रास्ते से थोड़ा भटक भी जाता हूँ पर दोबारा रास्ते पर आना भी मैंने सीख लिया है। ये सब आप किसी किताब से पढ़कर नहीं सीख सकते। इसे व्यवहार से ही जाना जा सकता है। अब मैं यह उम्मीद करता हूँ कि अपने बच्चों को मैं यह सब सिखा पाऊँगा।
4. जंकफ़ूड पेट पर भारी पड़ेगा – सिर्फ़ ठहरी हुई लाइफस्टाइल के कारण ही मैं मोटा नहीं हुआ। बाहर के तले हुए भोजन ने भी इसमें काफी योगदान दिया। हर कभी मैं बाहर पिज्जा, बर्गर, और इसी तरह की दूसरी चर्बीदार तली हुई चीज़ें खा लिया करता था। मैंने यह कभी नहीं सोचा कि इन चीज़ों से कोई समस्या हो सकती है। अपने स्वास्थ्य के बारे में तो हम तभी सोचना शुरू करते हैं जब हम कुछ प्रौढ़ होने लगते हैं। एक समय मेरी जींस बहुत टाइट होने लगी और कमर का नाप कई इंच बढ़ गया। उस दौरान पेट पर चढी चर्बी अभी भी पूरी तरह से नहीं निकली है। काश किसी ने मुझे उस समय ‘आज’ की तस्वीर दिखाई होती जब मैं जवाँ था और एक साँस में सोडे की बोतल ख़त्म कर दिया करता था।
5. धूम्रपान सिर्फ़ बेवकूफी है – धूम्रपान की शुरुआत मैंने कुछ बड़े होने के बाद ही की। क्यों की, यह बताना ज़रूरी नहीं है लेकिन मुझे हमेशा यह लगता था कि मैं इसे जब चाहे तब छोड़ सकता हूँ। ऐसा मुझे कई सालों तक लगता रहा जब एक दिन मैंने छोड़ने की कोशिश की लेकिन छोड़ नहीं पाया। पाँच असफल कोशिशों के बाद मुझे यह लगने लगा कि मेरी लत वाकई बहुत ताकतवर थी। आखिरकार 18 नवम्बर 2005 को मैंने धूम्रपान करना पूरी तरह बंद कर दिया लेकिन इसने मेरा कितना कुछ मुझसे छीन लिया।
6. रिटायरमेंट की तैयारी – यह बात और इससे पहले बताई गयी बातें बहुत आम प्रतीत होती हैं। आप यह न सोचें कि मुझे इस बात का पता उस समय नहीं था जब मैं 18 साल का था। मैं इसे बखूबी जानता था लेकिन मैंने इसके बारे में कभी नहीं सोचा। जब तक मैं 30 की उम्र पार नहीं कर गया तब तक मैंने रिटायर्मेंट प्लानिंग के बारे में कोई चिंता नहीं की। अब मेरा मन करता है कि उस 18 वर्षीय लियो को इस बात के लिए एक चांटा जड़ दिया जाए। खैर। अब तक तो मैं काफी पैसा जमा कर चुका होता! मैंने भी रिटायर्मेंट प्लान बनाया था लेकिन मैंने तीन बार जॉब्स बदले और अपना जमा किया पैसा यूँही उड़ा दिया।
7. जो कुछ भी आपको कठिन लगता है वह आपके काम का होता है – यह ऐसी बात है जो ज्यादा काम की नहीं लगती। एक समय था जब मुझे काम मुश्किल लगता था। मैंने काम किया ज़रूर, लेकिन बेमन किया। अगर काम न करने की छूट होती तो मैं नहीं करता। परिश्रम ने मुझे बहुत तनाव में डाला। मैं कभी भी परिश्रम नहीं करना चाहता था। लेकिन मुझे मिलने वाला सबक यह है कि जितना भी परिश्रम मैंने अनजाने में किया उसने मुझे सदैव दूर तक लाभ पहुँचाया। आज भी मैं उन तनाव के दिनों में कठोर परिश्रम करते समय सीखे हुए हुनर और आदतों की कमाई खा रहा हूँ। उनके कारण मैं आज वह बन पाया हूँ जो मैं आज हूँ। इसके लिए मैं युवक लियो का हमेशा अहसानमंद रहूँगा।
8. बिना जांचे–परखे कोई पुराना सामान नहीं खरीदें – मैंने एक पुरानी वैन खरीदी थी। मुझे यह लग रहा था की मैं बहुत स्मार्ट था और मैंने उसे ठीक से जांचा-परखा नहीं। उस खटारा वैन के इंजन में अपार समस्याएँ थीं। उसका एक दरवाजा तो चलते समय ही गिर गया। खींचते समय दरवाजे का हैंडल टूट गया। कांच भी कहीं टपक गया। टायर बिगड़ते गए, खिड़कियाँ जाम पडी थीं, और एक दिन रेडियेटर भी फट गया। अभी भी मैं ढेरों समस्याएँ गिना सकता हूँ। वह मेरे द्वारा ख़रीदी गयी सबसे घटिया चीज़ थी। यह तो मैं अभी भी मानता हूँ की पुरानी चीज़ों को खरीदने में समझदारी है लेकिन उन्हें देख-परख के ही खरीदना चाहिए।
9. बेचने से पहले ही सारी बातें तय कर लेने में ही भलाई है – अपने दोस्त के दोस्त को मैंने अपनी एक कार बेची। मुझे यकीन था कि बगैर लिखा-पढी के ही वह मुझे मेरी माँगी हुई उचित कीमत अदा कर देगा। यह मेरी बेवकूफी थी। अभी भी मुझे वह आदमी कभी-कभी सड़क पर दिख जाता है लेकिन अब मुझमें इतनी ताक़त नहीं है कि मैं अपना पैसा निकलवाने के लिए उसका पीछा करूँ।
10. कितनी भी व्यस्तता क्यों न हो, अपना शौक पूरा करो – मैं हमेशा से ही लेखक बनना चाहता था। मैं चाहता था कि एक दिन लोग मेरी लिखी किताबें पढ़ें लेकिन मेरे पास लिखने का समय ही नहीं था। पूर्ण-कालिक नौकरी और पारिवारिक जिम्मेदारियां होने के कारण मुझे लिखने का वक़्त नहीं मिल पाता था। अब मैं यह जान गया हूँ कि वक़्त तो निकालना पड़ता है। दूसरी चीज़ों से ख़ुद को थोड़ा सा काटकर इतना समय तो निकला ही जा सकता है जिसमें हम वो कर सकें जो हमारा दिल करना चाहता है। मैंने अपनी ख्वाहिश के आड़े में बहुत सी चीज़ों को आने दिया। यह बात मैंने 15 साल पहले जान ली होती तो आजतक मैं 15 किताबें लिख चुका होता। सारी किताबें तो शानदार नहीं होतीं लेकिन कुछेक तो होतीं!
11. जिसकी खातिर इतना तनाव उठा रहे हैं वो बात हमेशा नहीं रहेगी – जब हमारा बुरा वक़्त चल रहा होता है तब हमें पूरी दुनिया बुरी लगती है। मुझे समयसीमा में काम करने होते थे, कई प्रोजेक्ट एक साथ चल रहे थे, लोग मेरे सर पर सवार रहते थे और मेरे तनाव का स्तर खतरे के निशान के पार जा चुका था। मुझे मेहनत करने का कोई पछतावा नहीं है (जैसा मैंने ऊपर कहा) लेकिन यदि मुझे इस बात का पता होता कि इतनी जद्दोजहद और माथापच्ची 15 साल तो क्या अगले 5 साल बाद बेमानी हो जायेगी तो मैं अपने को उसमें नहीं खपाता। परिप्रेक्ष्य हमें बहुत कुछ सिखा देता है।
12. काम के दौरान बनने वाले दोस्त काम से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं – मैंने कई जगहों में काम किया और बहुत सारी चीज़ें खरीदीं और इसी प्रक्रिया में बहुत सारे दोस्त भी बनाये। काश मैं यहाँ-वहां की बातों में समय लगाने के बजाय अपने दोस्तों और परिजनों के साथ बेहतर वक़्त गुज़र पाता!
13. टीवी देखना समय की बहुत बड़ी बर्बादी है – मुझे लगता है कि साल भर में हम कई महीने टी वी देख चुके होते हैं। रियालिटी टी वी देखने में क्या तुक है जब रियालिटी हाथ से फिसली जा रही हो? खोया हुआ समय कभी लौटकर नहीं आता – इसे टी वी देखने में बरबाद न करें।
14. बच्चे समय से पहले बड़े हो जायेंगे। समय नष्ट न करें – बच्चे देखते-देखते बड़े हो जाते हैं। मेरी बड़ी बेटी क्लो कुछ ही दिनों में 15 साल की हो जायेगी। तीन साल बाद वह वयस्क हो जायेगी और फ़िर मुझसे दूर चली जायेगी। तीन साल! ऐसा लगता है कि यह वक़्त तो पलक झपकते गुज़र जाएगा। मेरा मन करता हूँ कि 15 साल पहले जाकर ख़ुद को झिड़क दूँ – दफ्तर में रात-दिन लगे रहना छोडो! टी वी देखना छोडो! अपने बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीत करो! – पिछले 15 साल कितनी तेजी से गुज़र गए, पता ही न चला।
15. दुनिया के दर्द बिसराकर अपनी खुशी पर ध्यान दो – मेरे काम में और निजी ज़िंदगी में मेरे साथ ऐसा कई बार हुआ जब मुझे लगने लगा कि मेरी दुनिया बस ख़त्म हो गयी। जब समस्याएँ सर पे सवार हो जाती थीं तो अच्छा खासा तमाशा बन जाता था। इस सबके कारण मैं कई बार अवसाद का शिकार हुआ। वह बहुत बुरा वक़्त था। सच तो यह था कि हर समस्या मेरे भीतर थी और मैं सकारात्मक दृष्टिकोण रखकर खुश रह सकता था। मैं यह सोचकर खुश हो सकता था कि मेरे पास कितना कुछ है जो औरों के पास नहीं है। अपने सारे दुःख-दर्द मैं ताक पर रख सकता था।
16. ब्लॉग्स केवल निजी पसंद–नापसंद का रोजनामचा नहीं हैं – पहली बार मैंने ब्लॉग्स 7-8 साल पहले पढ़े। पहली नज़र में मुझे उनमें कुछ ख़ास रूचि का नहीं लगा – बस कुछ लोगों के निजी विचार और उनकी पसंद-नापसंद! उनको पढ़के मुझे भला क्या मिलता!? मुझे अपनी बातों को दुनिया के साथ बांटकर क्या मिलेगा? मैं इन्टरनेट पर बहुत समय बिताता था और एक वेबसाईट से दूसरी वेबसाईट पर जाता रहता था लेकिन ब्लॉग्स से हमेशा कन्नी काट जाता था। पिछले 3-4 सालों के भीतर ही मुझे लगने लगा कि ब्लॉग्स बेहतर पढने-लिखने और लोगों तक अपनी बात पहुंचाने और जानकारी बांटने का बेहतरीन माध्यम हैं। 7-8 साल पहले ही यदि मैंने ब्लॉगिंग शुरू कर दी होती तो अब तक मैं काफी लाभ उठा चुका होता।
17. याददाश्त बहुत धोखा देती है – मेरी याददाश्त बहुत कमज़ोर है। मैं न सिर्फ़ हाल की बल्कि पुरानी बातें भी भूल जाता हूँ। अपने बच्चों से जुडी बहुत सारी बातें मुझे याद नहीं हैं क्योंकि मैंने उन्हें कहीं लिखकर नहीं रखा। मुझे ख़ुद से जुडी बहुत सारी बातें याद नहीं रहतीं। ऐसा लगता है जैसे स्मृतिपटल पर एक गहरी धुंध सी छाई हुई है। यदि मैंने ज़रूरी बातों को नोट कर लेने की आदत डाली होती तो मुझे इसका बहुत लाभ मिलता।
18. शराब बुरी चीज़ है – मैं इसके विस्तार में नहीं जाऊँगा। बस इतना कहना ही काफी होगा कि मुझे कई बुरे अनुभव हुए हैं। शराब और ऐसी ही कई दूसरी चीज़ों ने मुझे बस एक बात का ज्ञान करवाया है – शराब सिर्फ़ शैतान के काम की चीज़ है।
19. आप मैराथन दौड़ने का निश्चय कभी भी कर सकते हैं – इसे अपना लक्ष्य बना लीजिये – यह बहुत बड़ा पारितोषक है। स्कूल के समय से ही मैं मैराथन दौड़ना चाहता था। यह एक बहुत बड़ा सपना था जिसे साकार करने में मैंने सालों लगा दिए। मैराथन दौड़ने पर मुझे पता चला कि यह न सिर्फ़ सम्भव था बल्कि बहुत बड़ा पारितोषक भी था। काश मैंने दौड़ने की ट्रेनिंग उस समय शुरू कर दी होती जब मैं हल्का और तंदरुस्त था, मैं तब इसे काफी कम समय में पूरा कर लेता!
20. इतना पढने के बाद भी मेरी गलतियाँ दुहराएंगे तो पछतायेंगे – 18 वर्षीय लियो ने इस पोस्ट को पढ़के यही कहा होता – “अच्छी सलाह है।” और इसके बाद वह न चाहते हुए भी वही गलतियाँ दुहराता। मैं बुरा लड़का नहीं था लेकिन मैंने किसी की सलाह कभी नहीं मानी। मैं गलतियाँ करता गया और अपने मुताबिक ज़िंदगी जीता गया। मुझे इसका अफ़सोस नहीं है। मेरा हर अनुभव (शराब का भी) मुझे मेरी ज़िंदगी की उस राह पर ले आया है जिसपर आज मैं चल रहा हूँ। मुझे अपनी ज़िंदगी से प्यार है और मैं इसे किसी के भी साथ हरगिज नहीं बदलूँगा। दर्द, तनाव, तमाशा, मेहनत, परेशानियाँ, अवसाद, हैंगओवर, क़र्ज़, मोटापा – सलाह न मानने के इन नतीजों का पात्र था मैं।
Photo by saeed mhmdi on Unsplash
ap ka lekh bahut hi achha lga …saari buri aadte ek sath to nhi ja sakati magar fijulkharchi ki ek aadat aaj se hi bnd kr rha hu ….mobile recharge and …petrol…dono ko hi limited kr duga …..
kyuki har cheez ya bhuri aadat ko ko chodna itna Aasan Nahin Hota fir B Kaushish Jarur Karunga
Thanks A Lot
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i m 14 years old girl i have also read the the book of shiv khera and that book is mine inspiration book .. i had the memory of how to live in the world’ came at the age of 13… i like your story so much like heart touching …. there are various event occures in my like that was saw me the way of life…….
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I like your Whole line in this Comment that you wrote,and the Shiv khera inspiration………you r inspiring to me…
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sir apka lekh mere liye ek prerna dayk strot ban gaya hai ,,aaj 31.1.12 mrea b,day hai or aaj se hi me apni kai adato ko badlne ja raha ho…aaj me 21 yare ka ho gaya ho gaya hou ..me aap se promis karta ho…apke anubhav apne jivn ke liye prerna baynga or……………….purani adato ko delete kar raha hou ………………..ye lekh sayd mere liye hi likha tha……………….thanks sir
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आपकी लिखी बाते मुझे बहुत ही अच्छी लगी. मैं खुद को बहुत ही भाग्यशाली समझता हूँ की आपने जो खुद की बुरी बाते बताई उनमे से कुछ को छोड़कर मुझ में नहीं हैं. आपकी ही तरह मुझे भी लिखने का बहुत शौक है, आशा है आप आगे भी इसी तरह अपने ब्लोग्स से लोगों को प्रेरित करते रहेंगे, धन्यवाद.
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excellent sir and thanks for sharing so openly.
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Aapne jo baatein likhi wo sahi likhi hai par yadi hum ya koi navyuvak isko padhega to uske mann me nayi jagrati paida hogi kintu ye jagruti jyada din tak nahi rehti ya hum to hum apne sankalp se fisal jaate hai ya fir duniya ke sath sath chalte huye apne aap ko or apne future ko b bhool jate hai.
hum apne aaj ko kal par taal dete hai jo ek bahut buri baat hai.
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you are right akshay
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apkay bichar meray adato say mltay hai ya sari galtiya meray jeevan may bhi hai aaj meri age 33 yr hai lakien aaj bhi jeendigi ki daud may mai bhoot piche ho may apkay bichar may amal karney ki kosih karunga thank
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आपका विचार बहुत ही सराहनीय है जिंदगी में अगर यह गलतियां न दुहरायी जाएं तो निश्चित ही हमें सफलता मिलेगी |
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bahut hi sundar vichar adabhut , i will try to follow all advice that is mentioned on this post .
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i think most of the people are aware of these 20 comments and according to me it is laziness which prevent from following these comments .i am myself a example of this laziness.but now i will try my best to come out of this laziness
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आपका विचार बहुत ही सराहनीय है जिंदगी में अगर यह गलतियां न दुहरायी जाएं तो निश्चित ही हमें सफलता मिलेगी |
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gooooooooood
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Sir, Afaik yah 20 bate mere child ko jarur sahi rah dikhayegi.thanks
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aapke vichaaron se bahut kuchh sikhne jaisa hai.jaise aapne fijool kharch ke baare me likha wo bht achha laga.ab se main bhi fijoo kharch pe control karoongi.
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My voice (Writing Skill) is not so good as yours. Marathan me dauna mera bhi sapanaa hai. Thanks alot for share very personal experience, those can guide many yougsters. Thanks again.
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i like this
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thank u Mr. Leo.
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thanksssss very much
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mujhe aap ki khi hui baate bhut anchi lagi . ab mujhe apki baato se sikh mil gai hai aur me ye galtiya nhi kronga. thanks liyo uncle
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You write sir ji.apne jo kaha satya kaha
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Thank you sir,
apne bhut acha likha h. Sir jo bhi apne likha hai unme se kuch points galtiya main bhi krta hu. lekin ab koshish krunga ki apne aane wale kal ke liye apke post se sikhu aur galtiya ko krna band karu aur apna aane wala kal acha banau.
Again Thanks.
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Thanku sir
Bahut kuch sikhne jaisa hai jitna jaldi skho utna jaldi phayda hoga
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Thanks for tell us what will happen if u do these things in life. AAj main 34 sal ka hoon or aaj bhi asi jindgi ji raha hoon Tv dekhta hoon kisi ki nahi soonta CA main admission liya per padha nahi main intellegent tha par kal padhunga karta raha aaj ek runner ki nokri kar raha hoon ek ladka hai uski bhi phikar nahi thi. lekin aaj main is lekh ki copy le raha hoon or roj padhunga Tv dekhna band. padhna sooro. main dil se thanks kahta hoon maine bahut soo vichar padhe par asar nahi hua. lekin aaj jindagi ki hakit samen hai.
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आपका विचार बहुत ही सराहनीय है जिंदगी में अगर यह गलतियां न दुहरायी जाएं तो निश्चित ही हमें सफलता मिलेगी |
Excellent sir and thanks for sharing so openly.
Thanks Apke is Lekh ne to Meri Ankhe hi Kholdi…
Very Nice…
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ye baten hamen apne bachon ko sikhani chahiyen.
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bahut accha hai kuch to mila
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bysta jiwanme hame kuch pal ekantme bitana chahjye.aur bite huye palpalko yad kar2 ke anubhaw karna chahiye ki mei kis rasta hoke gujra thha, aur abhi kaha aake pahucha. note karna chahiye ki kya galat kiya aur sahi.sahiko sarajiwan bhar amal karke aage badte rahana ,aur galatiyoko tatkal apne jiwanse alag karna yani sudhar karneka bar2 prayatna karte rahana chahiye.taki apne aageki jiwanme phirse galti ghar kar na paye.bar bar eak hi galti karna murkhata hai.
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duniya bahut badi hai aur choti bhi h. jaise ache saman ki life jade hoti h waise hi ache kaam karo duniya badi dikhayi degi.
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bhut sahi
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yes i understend your comments jo mere life ke ak hissa ban gaya hai
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nice सर बहुत अच्छी हे में इस ब्लोक के लिए अआप का जिंदगी भर आभारी रहूँगा
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Practicle life se judee bahut behtar information hai jiske dwara him behtar jivan jee skate hai
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iss saral shabd me aaj ke nav jawan logo ko jivan jine ki kala in 20 baato se acha or koi kitab nahi samjha shakti
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Muje ap ki sari bate bahut achi lagi jeetni ap ne apni buraiyo ya apne ander ke buraiyo ko btaya he asee mujge me koi Bhee buri adat nahi ha
Ap bhe mere liye duva kre ki muje ye buri adat na pde
monu ram village subhanpur
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better late than never .
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dusre ka kahna koi nahi manta khud galti kar ke dusro ko samjhate hai
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Great
Bhut acha he.
Eska palan me jarur karunga
aur dusure v palan kare
Jindegi ki tajurba admi ko
Bahut kuchu sikha detahe.
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thanks sir stress dur ho jata h
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sir mery pass time bhut h but mera padny me man nhi lagta kya kru ls imale me
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Aap ki baten mujhe bahut sarahniye lagii is liye mai aap ka abhari hu.
Dhanybad.
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sir aapne jo likha wo acha laga lekin ap un chijo ko ni lika jo karke aapko khusi mili
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Ye bate life me bahut mayne rakhati h
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सर की बताई हुई गलतियों में से कुछ गलतियां हम भी कर चुके हैं सर की तरह हम भी उन्हें नहीं बदल सकते लेकिन आज हम उन गलतियों को दोबारा करने से बचते हैं या फिर बचने की कोशिश करते हैं। हमारा तो गलतियों से यही निष्कर्ष निकलता है कि हमें क्या नहीं करना चाहिए? ये जानने के लिये गलतियां करना जरूरी है। क्योंकि जब तक हम किसी गलती का भुगतान अपनी जिंदगी से नहीं कर देते हैं तब तक हमारे ऊपर किसी की भी बात का असर नहीं होता है। बुजुर्गों ने कहा है कि इंसान ठोकर खाकर ही ठाकुर बनता है। धन्यवाद।
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Sir m bi aj se apni buri aadt chod reha
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kafi time pahle yaha lekh pada tha mene upar mera kament bhi hai. ashish rasile ke name se aaj 4/25/2016 hai or aaj feer acchanak ye lekh padne me aa gaya …..sahi mayne me pichle sallo me me or jyada bigdta gaya or apni kai galtiya mujhe aaj bhi yad he lekin zindgi ki is bhag dor me kab hum sari bate bhul jate he pata hi nahi chalta hai……………….ye sabhi bato ne ek bar feer mujhme aatmvishwas or bada diya hai……………thanks hindizen.com aap bahot accha kam kar rahe hai
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amazing inspiration thoughts’ can makes a man perfect. u also GIve such a right way to youth who have bad habits, can change their direction. but I think we are from our childhood can have decide to go on right line, which is our best awareness in life, thanks for aware , jagte raho dosto.
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बहुत अच्छा
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जब तक चोट नहीं लगती दर्द का एहसास नहीं होता ,सिर्फ किताब पढकर या किसी के बताने से एहसास नहीं होता ,चोट खाना पड़ता है |आपकी बाते काफी अच्छी है
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Dear friend
ye tumhari bate wakai achhi h lekin ise realy life me utarna utna hi muskil h jaise chhalni se pani uthana…………………………………..
Lekin kosish rahegi ki jyada nhi to thoda pariwatan hum sabi life me jarur ayega ……
Thanks (Suvichar ke liye)
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Very inspirational
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बहुत अच्छा लेख लिखा है आपने धन्यवाद !!
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Sir akal time par nhi ati aur jab ati ha ha time chla jata meri age 21 year ha me jarur apki bato ko apnauga thanku sir
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