खेत का पत्थर

एक बूढा किसान अपने खेत में सालों तक हल चलाता रहा। उसके खेत के बीचोंबीच एक बड़ा पत्थर जमीन में फंसा हुआ था। उस पत्थर से टकराकर किसान के कई हल टूट चुके थे। सभी लोगों ने किसान से कहा कि पत्थर की और ध्यान ही मत दो, अपना काम करते रहो।

एक दिन किसान का सबसे अच्छा हल पत्थर से टकराकर टूट गया। इतने सालों में उस पत्थर के कारण हो चुके नुकसान के बारे में सोचकर किसान ने अब मन में उस पत्थर को हटाने की ठान ली।

किसान ने लोहे का एक सब्बल पत्थर के नीचे अटका कर जब उसे हिलाया तो उसे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि पत्थर तो सिर्फ़ 8-9 इंच ही जमीन में धंसा हुआ था और उसे थोड़े से परिश्रम से खेत में लुढकाकर किनारे लगाया जा सकता था।

उस पत्थर को लुढकाकर किनारे लगाते समय किसान को वे क्षण याद आ गए जब उस पत्थर से टकराकर उसके कितने ही सारे हल टूट गए और कितनी ही बार ख़ुद किसान को चोटें आईं।

वह हमेशा यह सोचता रहा कि उसने वह पत्थर बहुत पहले ही क्यों नहीं हटा दिया।

(image credit)

There are 2 comments

  1. आलोक सिंह

    हम अक्सर किसी काम को बाद के लिए छोड़ देते है या ये सोच लेते है की ये काम तो बहुत कठिन है इसे मैं नहीं कर सकता ये बात गलत है , हमें हर काम को सही समय पे कर लेना चाहिए उससे हम नुकसान से बच जायेगे .

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