पिछली शताब्दी में अमेरिका का एक पर्यटक पोलेंड में महान यहूदी गुरु रब्बी हफेज़ हयीम के घर उनसे मिलने गया। उसे यह देखकर बहुत आश्चर्य हुआ कि रब्बी के घर में केवल किताबें ही थीं। फर्निचर के नाम पर उनके पास केवल एक टेबल और एक कुर्सी थी।
पर्यटक ने पूछा – “रब्बी, आपका फर्निचर कहाँ है?”
“आपका फर्निचर कहाँ है” – रब्बी ने उससे पूछा।
“मेरा”? मैं तो यहाँ बस एक आगंतुक हूँ!”
“और मैं भी” – रब्बी ने जवाब दिया।
Photo by Ryan Riggins on Unsplash
सही कहा उन्होंने हम तो बस यहाँ आगंतुक ही है काल के च्रक में घूम रहे है .
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