दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर ने क्लास में विद्यार्थियों के सामने टेबल पर कुछ वस्तुएं रखीं। विद्यार्थियों की ओर देखे बिना उसने कांच के बड़े से जार में दो इंच आकार के पत्थर भर दिए।
फ़िर प्रोफेसर ने विद्यार्थियों से पूछा कि जार भर गया या नहीं। सभी विद्यार्थियों ने कहा कि जार पूरा भर गया।
अब प्रोफेसर ने एक डब्बा उठाया जिसमें छोटे-छोटे कंकड़ भरे थे। उसने वे सारे कंकड़ जार में डाल दिए। जार को धीरे-धीरे हिलाया। सारे कंकड़ नीचे सरकते हुए पत्थरों के बीच की खाली जगह में समा गए।
प्रोफेसर ने फ़िर से विद्यार्थियों से पूछा कि जार भर गया या नहीं। सभी एकमत थे की जार पूरा भर गया।
इसके बाद प्रोफेसर ने जार में एक डब्बे से रेत उड़ेली। जार में बची-खुची जगह में रेत भर गयी। अब जार वास्तव में पूरा भर गया था।
प्रोफेसर ने आख़री बार विद्यार्थियों से पूछा की जार भरा या नहीं। सब विद्यार्थियों ने एक बार और हामी भरी।
प्रोफेसर ने विद्यार्थियों से कहा – “तुम सबका जीवन इस कांच के जार की तरह है। इस जार में पड़े पत्थर तुम्हारे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण चीज़ें हैं – तुम्हारा परिवार, तुम्हारा जीवनसाथी, बच्चे, स्वास्थ्य – ये सभी वे चीजें हैं जो यदि तुम्हारे पास हैं तो तुम्हें किसी और चीज़ के होने-न-होने की चिंता करने की ज़रूरत नहीं। ये सब तुम्हारे जीवन को पूर्ण बनाती हैं।
छोटे-छोटे कंकड़ तुम्हारे जीवन की कुछ दूसरी ज़रूरी चीज़ें हैं – जैसे तुम्हारी नौकरी या काम-धंधा, घर, कार, आदि।
और रेत बाकी सब कुछ है – बहुत मामूली चीज़ें।
अगर तुम जार में सबसे पहले रेत भर दोगे तो उसमें कंकडों और पत्थरों के लिए जगह नहीं बचेगी। तुम्हारे पास केवल मामूली और गैरज़रूरी चीज़ों की भरमार होगी।
अगर तुम अपना सारा समय और ऊर्जा छोटी-छोटी बातों में लगाओगे तो जीवन में जो कुछ भी महत्वपूर्ण है वह पीछे छूट जाएगा। उस बातों पर ध्यान दो जिनसे जीवन में सच्ची खुशी आती हो। अपने बच्चों के साथ खेलो। अपने माता-पिता के साथ समय बिताओ। मामूली बातों के लिए तुम्हारे पास हमेशा पर्याप्त समय रहेगा।
इन बड़े-बड़े पत्थरों की परवाह करो – ये सबसे ज़रूरी हैं। अपने जीवन में प्राथमिकतायें तय करो। अपनी मुठ्ठी में रेत मत भरो।”
Photo by pan xiaozhen on Unsplash
Very inspirational!! Set your priorities right!
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kiya kahun aapki tarip me jitna kahun utana kam hai…….
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SO GOOE
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very inspirational. i praise it,
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So good
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good
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