दो आलसी

किसी समय एक राज्य में बहुत सारे आलसी लोग हो गए। उन्होंने सारा काम-धाम करना छोड़ दिया। वे अपने लिए खाना भी नहीं बनाते थे। एक दिन सभी आलसियों ने राजा से जाकर कहा कि राजा को आलसियों के लिए एक आश्रम बनवाना चाहिए और उनके खाने की व्यवस्था करनी चाहिए।

राजा यह देखकर परेशान हो गया। कुछ सोचकर उसने अपने मंत्री को आलसियों के लिए एक बड़ा आश्रम बनाने का आदेश दिया। आश्रम के तैयार हो जाने पर सभी आलसी वहां जाकर सोने और खाने लगे।

एक दिन राजा ने अपने मंत्री को आलसियों के आश्रम में आग लगाने को कहा। आश्रम को जलता देखकर सभी आलसी तुरत-फुरत वहां से बच निकलने के लिए भाग लिए।

जलते हुए आश्रम के भीतर अभी भी दो आलसी सो रहे थे। पहले आलसी को पीठ पर आग की गरमी लगने लगी। उसने अपने आलसी दोस्त को यह बताया। “दूसरी करवट पर लेट जाओ” – दूसरे आलसी ने पहले को सुझाव दिया।

यह देखकर राजा ने अपने मंत्री से कहा – “केवल यही दोनों व्यक्ति ही सच्चे आलसी हैं। इन्हें भरपूर सोने और खाने दिया जाए”।

Photo by Jackman Chiu on Unsplash

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