किसी गाँव में एक किसान रहता था। उसके पास एक घोड़ा था। एक दिन वह घोड़ा अपनी रस्सी तुडाकर भाग गया।
यह ख़बर सुनकर किसान के पड़ोसी उसके घर आए। इस घटना पर उसके सभी पड़ोसियों ने अफ़सोस ज़ाहिर किया। सभी बोले – “यह बहुत बुरा हुआ”।
किसान ने जवाब दिया – “हाँ …. शायद”।
अगले ही दिन किसान का घोड़ा वापस आ गया और अपने साथ तीन जंगली घोडों को भी ले आया।
किसान के पड़ोसी फ़िर उसके घर आए और सभी ने बड़ी खुशी ज़ाहिर की। उनकी बातें सुनकर किसान ने कहा – “हाँ …. शायद”।
दूसरे दिन किसान का इकलौता बेटा एक जंगली घोडे की सवारी करने के प्रयास में घोडे से गिर गया और अपनी टांग तुडा बैठा।
किसान के पड़ोसी उसके घर सहानुभूति प्रकट करने के लिए आए। किसान ने उनकी बातों के जवाब में कहा – “हाँ …. शायद”।
अगली सुबह सेना के अधिकारी गाँव में आए और गाँव के सभी जवान लड़कों को जबरदस्ती सेना में भरती करने के लिए ले गए। किसान के बेटे का पैर टूटा होने की वजह से वह जाने से बच गया।
पड़ोसियों ने किसान को इस बात के लिए बधाई दी। किसान बस इतना ही कहा – “हाँ …. शायद”।
Photo by Iswanto Arif on Unsplash
‘bhut khub nice story, han shayad…. no definately’regards
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Choti magar prabhavsahali hain ye zen kathayein.
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waah…bahut sundar prerak katha.aabhaar.
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bhagwan jo karta hai ache ke liye karta hai
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भगवान जो करता है अच्छा ही होता है!
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एकदम सामान्य।
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BHALAI
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