प्रसन्न मछलियां

एक दिन च्वांग-त्जु और उसका एक मित्र एक तालाब के किनारे बैठे हुए थे।

च्वांग-त्जु ने अपने मित्र से कहा – “उन मछलियों को तैरते हुए देखो। वे कितनी आनंदित हैं।”

“तुम स्वयं तो मछली नहीं हो” – उसके मित्र ने कहा, – “फ़िर तुम ये कैसे जानते हो कि वे आनंदित हैं?”

“तुम मैं तो नहीं हो”- च्वांग-त्जु ने कहा, – “फ़िर तुम यह कैसे जानते हो कि मैं यह नहीं जानता कि मछलियाँ आनंदित हैं?”

Photo by Kevin Horstmann on Unsplash

There are 4 comments

टिप्पणी देने के लिए समुचित विकल्प चुनें

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.