एक बार दो यात्री मरुस्थल में खो गए। भूख और प्यास के मारे उनकी जान निकली जा रही थी। एक स्थान पर उनको एक ऊँची दीवार दिखी। दीवार के पीछे उन्हें पानी के बहने और चिडियों की चहचहाहट सुनाई दे रही थी। दीवार के ऊपर पेड़ों की डालियाँ झूल रही थीं। डालियों पर पके मीठे फल लगे थे।
उनमें से एक किसी तरह दीवार के ऊपर चढ़ गया और दूसरी तरफ़ कूदकर गायब हो गया। दूसरा यात्री मरुस्थल की और लौट चला ताकि दूसरे भटके हुए यात्रियों को उस जगह तक ला सके।
Photo by Jordan Bebek on Unsplash
क्या तारीफ़ आपके ब्लॉग की…… शब्द छोटे पड़ जाते हैं. मैंने आपका ब्लॉग बुकमार्क कर लिया है.
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Wha ji wah, kya baat hai.achha laga padhkar.
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वाह ! स्वर्ग का दार्शनिक पक्ष इतने संक्षेप में जानकर आनंद भया !
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[…] स्वर्ग […]
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