तन्ज़ेन नामक ज़ेन गुरु ने अपने जीवन के अन्तिम दिन 60 पोस्ट-कार्ड लिखे और अपने एक शिष्य को उन्हें डाक में डालने को कहा। इसके कुछ क्षणों के भीतर उन्होंने शरीर त्याग दिया।
कार्ड में लिखा था :-
मैं इस संसार से विदा ले रहा हूँ।
यह मेरी अन्तिम घोषणा है।
तन्ज़ेन,
27, जुलाई 1892
Photo by Dương Trần Quốc on Unsplash
जीवन के हर काम की घोषणा करते रहे होंगे।
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बात कुछ हजम नहीं हुई
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पहली घोषणा होती है मैंने जन्म ले लिया है, मै कुछ नहीं लाया हूँ, अंतिम घोषणा है, जिस शरीर में मै आया था वह भी छोड़े जा रहा हूँ, अर्थात जैसे आया था वैसे ही जा रहा हूँ, कुछ था नहीं संसार में जो लेकर जा सकूँ।
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