मौन का मंदिर

निर्वाण को उपलब्ध हो चुका शोइची नामक ज़ेन गुरु अपने शिष्यों को तोफुकू के मन्दिर में पढाया करता था।

दिन हो या रात, सम्पूर्ण मन्दिर परिसर में मौन बिखरा रहता था। कहीं से किसी भी तरह की आवाज़ नहीं आती थी।

शोइची ने मंत्रों का जप और ग्रंथों का अध्ययन भी बंद करवा दिया था। उसके शिष्य केवल मौन की साधना ही करते थे।

शोइची के निधन हो जाने पर पड़ोस में रहने वाली एक स्त्री ने मन्दिर में घंटियों की और मंत्रपाठ की आवाज़ सुनी। वह जान गयी कि गुरु चल बसे थे।

Photo by Tianshu Liu on Unsplash

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