जीवन का आनंद

“इस साल मैंने अपने जीवन का पूरी तरह से आनंद लिया”, शिष्य ने गुरु से कहा.

“अच्छा?”, गुरु ने पूछा, “क्या-क्या किया तुमने?”

“सबसे पहले मैंने गोताखोरी सीखी”, शिष्य ने कहा, “फिर मैं दुर्गम पर्वतों पर विजय पाने के लिए निकला. मैंने रेगिस्तान में भी दिन बिताये. मैंने पैराग्लाइडिंग की, और आप यकीन नहीं करेंगे, मैंने…”

गुरु ने हाथ हिलाकर शिष्य को टोकते हुए कहा, “ठीक है, ठीक है, लेकिन यह सब करने के दौरान तुम्हें जीवन का आनंद उठाने का समय कब मिला?”

(Thanx to John Weeren for this story) (image credit)

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